
आओ दिवाली मनायें
हम नेह के दीप जलायें
चाँद को अपने दरवाजे
पर सजाये।
छत पर चमकते तारो का
चिराग जलायें।
आओ दिवाली मनायें
इस जँहा को रोशन बनाये
आओ दिवाली मनाये।
हम सब मिलकर उम्मीदों के
दीप जलायें
कुछ अपनों के संग आज
दिवाली मनाये।
इस सुन्दर धरा पर खुशियों के
दीप सजायें।
किसी के दर्द भरे जीवन मे
मुस्कान भर जाये ,.
आओ खुशियों के दीप जलाये
हम इंद्रधनुष से आँगन में
सुन्दर रंगोली सजाये
ये प्रकाश का अभिनन्दन हैं
अन्धकार को दूर भगाये
पहले स्नेह लुटाये सब पर
फिर खुशियों के दीप जलायें
आओ सब मिल कर हम
दिवाली मनायें।
Other Poems = Click Here