
देश 
अब आगे बढ़ते जाना है।।
नमन इस देश की मिट्टी को धc के शौर्य और पराक्रम का पूरा देश सम्मान करता है देश के लिए लड़ने वाले वीर सैनिक की कोई जाति नही होती मात्र राष्ट्र धर्म ही उसकी जाति होती है। अभिनंदन देश के लिए जान से खेले ओर मौत के मुँह से बचकर निकले दुश्मन की गिरफ्त में आने के बाद ही इतनी हिम्मत दिखाई अभिनंदन मन से फौलादी है।ये राष्ट्र आपका कृतज्ञ है और हमेशा रहेगा पाकिस्तानी सेना के बीच आपकी हिम्मत देख कर हर एक भारतीय को हिम्मत आई कि देश सुरक्षित हाथों में है।
आसमान में दुश्मन घेरा।।
दुश्मन पर ऐसे टूट पड़ा।
ज्यो तम को हो सूरज ने घेरा।।
इतिहास रचा गौरवशाली।
अब आगे बढ़ते जाना है।।
धरती माँ से आंतकवाद का नामोंनिशां मिटाना है।।
विंग कमांडर अभिनंदन को पता था कि वो दुश्मन के आधुनिक जहाजों से मुकाबला कर रहे हैं. फिर भी वो अपने मिग विमान को F-16 के पीछे लगा देते हैं. कल्पना कीजिए क्या जज्बा रहा होगा कैप्टन अभिनंदन के दिल में. उनपर चारों ओर से हमला हो रहा था. अभिनंदन दुश्मन का एक F-16 विमान गिराने में सफल हो जाते हैं, और फिर अपने जलते जहाज को छोड़कर पैराशूट से कूद पड़ते हैं. आवाज की गति से उड़ रहे विमान से कूदना आसान नहीं होता. खासतौर पर ऐसे समय जब यह पता हो कि वो दुश्मन के इलाके में जा सकते हैं. ऐसी परिस्थिति में किसी की भी धड़कन बढ़ जाएगी, पसीने छूट जाएंगे. लेकिन, विंग कमांडर अभिनंदन साधरण नहीं हैं. वे जब दुश्मन पर हमला कर रहे थे, तो उनकी रंगों में खून नहीं, तिरंगा दौड़ रहा था. जब पाकिस्तान की जमीन पर उतरे तो भी उनके मन में भारत माता की खातिर जंग लड़ने का जज्बा बरकरार था.
दुश्मन के इलाके में उतरे अभिनंदन की रगों में लाल खून नहीं, तिरंगा दौड़ रहा था ।अभिनंदन ने कैद में होने के बावजूद अपना हौंसला नहीं खोया. उनकी जांबाजी, उनकी बॉडी लैंग्वेेेज में दिखाई दे रही थी. वे जिस सवाल को जवाब देना मुनासिब समझते, देते. और जिस सवाल को टालना चाहतेे थे, उसे बेबाकी से टाल रहे थे. उनके हर शब्द में उनका आत्म विश्वास दिखाई दे रहा था. अपने Mig से पाकिस्तान के F-16 विमान को गिराने वाले अभिनंदन का भारत अभिनंदन हो रहा वे भारत मेंं हीरो है. और पाकिस्तान के भीतर आलोचना हो रही है कि इमरान खान ने भारत और अंंतर्राष्ट्रीय दबाव में आकर उन्हें छोड़ दिया
अभिनंदन वीर है एल ओ सी के पार जाकर साहस दिखाया ह भारत के पराक्रम करने का अभिनंदन है।
जंग हथियारों से नही होंसलों से की जाती है