उड़ान
उदास हु मैं आज
क्योंकि तुम चले गए।
मेरी हंसी लेकर ,
मेरी ख़ुशी लेकर।
देकर बहुत सारे गम
लेकिन मैं जानती हू
तुम्हारा दिया हुआ दर्द
मुझे फिर से देगा हौंसला
जीने का।
ये दर्द बनेगा मेरे लिए
संबल।
शायद फिर से मैं सीख लुंगी
जीना तुम्हारे बिन।
और करुँगी नया सृजन
भरुंगी जीवन में नए रंग।
छू लुंगी नया आसमा
तुम्हारा दिया दर्द देगा
मुझे देगा नई पहचान और
भर लुंगी मैं नई उड़ान।
नीरा जैन