राजनीति हो रही दिशाविहीन

राजनीति हो रही दिशाविहीन
नही बची संवेदनशीलता
नेताओ में बढ़ रही स्वार्थलिप्सा
रचते नित नए खेल
ईमानदारी और नैतिकता से नही
रखते ताल्लुक
जनसेवा ओर परोपकार का दिखावा कर जाते
अहंकार भरा इनमे
लोकतंत्र की गरिमा
का नही रखते धयान
हो जाते पथ से विचल
नेता कैसे बनेंगे आदर्श
क्या देंगे संदेश
ये नेता तो बस नेता है