लोकतंत्र का महापर्व
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लोकतंत्र का महापर्व हैं पूरी सब तैयारी है
वोट डालना अधिकार नहीं बल्कि जिम्मेदारी है
सोच समझ कर वोट डालना व्यर्थ इसे ना जाने दो ।
जांचों परखो समझो जानो तभी जीत कर आने दो ।
मौका रोज नहीं आता है हरगिज़ चूक ना जाना तुम ।
अवकाश जानकर वोट डालना बिल्कुल भूल ना जाना तुम ।
भय प्रलोभन जात पांत का प्रभाव नहीं होने पाये ।
चुनो सही पर सुनो सभी को दुर्भाव नहीं होने पाये ।
लोकतंत्र के महायज्ञ मेंं अपने मत की आहूति दो ।
योग्य हाथ मेंं देश को सौंपे
मन को ये अनुभूति दो ।
गर आलस मेंं पड़कर तुम ये कर्तव्य नहीं निभाओगे ।
गया देश गर गलत हाथ मेंं
खुद दोषी कहलाओगे ।